Tuesday 15 April 2014

kajligarh fort indore ____ एक रोमांचक गढ़

kajligarh fort __ indore
by khajrana
____ दिल में नहीं होती अगर ये धड़कन 
         तो ज़िन्दगी को हम पहचानते कैसे ?

                रहस्य और रोमांच से भरा कजलीगढ़ किला 


 इंदौर शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर खंडवा रोड पर एक बहुत ही पुराना और गंगा - जमाना तहज़ीब से सरोबार सिमरोल नामक गाँव है ! यहाँ की आब -ओ- हवा में आज भी हिन्दु मुस्लिम एकता की खुशबु बहतीं है ! यहाँ से करीब 6 किलोमीटर दूर पूर्व की दिशा मे इंदौर के महाराजा शिवाजी राव होल्कर द्वारा बनवाया गया शिकारगाह है ! रहस्य और रोमांच से भरपूर ये इलाका कजलीगढ़ के नाम से मशहूर है ! यहाँ फैले सन्नाटे मे आप पत्तो के खड़कने तक की आवाज़ सुन सकते है ! बादलों का झुरमुट इस किले के उपर हि मँडराता नजर आता है ! इंदौर के पास स्थित ये ट्रेकिंग का सबसे उपयुक्त स्थल है ! यहाँ तक पहुचने के लिये आप दोपहिया वाहन आप बहुत -ही सुविधाजनक तरीके से जा सकते है ! सिमरोल से लेकर कजलीगढ़ तक लगभग सारा रास्ता पक्का और खूबसुरत बना हुआ है ! सिमरोल से जैसे ही कजलीगढ़ की तरफ़ मुड़ेंगे आसपास फ़ैले हरे-भरे खेत खलियान आपका मन मोह लेंगे रस्ते क  चलेगा कि कब कजलीगढ़ आ गया कजलीगढ़ जाने वाले रस्ते मे आपको सीधे हाथ की तरफ़ आपको एक दरगाह भी नजर आयेगी बारिश में यहाँ घूमने का अपना ही मजा है ! जैसे ही हम कजलीगढ़ के इलाके के प्रवेश करते है दुर - दूर तक फैले मैदान नजर आते है ! इन मैदानों के बीचो - बिच शांत खडा कजलीगढ़ का किला अपनी बदहाली और उपेक्षा पर रोता बिलखता दिखाईं देता है , गाहे - बगाहे  कोई  भुला भटका पर्यटक कभी-कभार यहॉँ आ जाता है ! इस किले मे घुसते ही किले के विशाल दरवाजे के ठीक पास सधु-संतों ने अपना डेरा जमाया हुआ है यहाँ पानी और बिजली के नम पर सुविधाए तो है लेकिन ये सुविधएं पर्यटकों के लिए नहीं बल्कि साधुओं  के लिये है ! इन सब उपेक्षा को नज़र  प्रयटकों इस किले की बनावट और शांत माहौल मे सब कुछ भुल जाता है ! कभी इंदौर के राजा  - महाराजाओं कि मनपसन्द जगह रहा ये स्थल आज भी उतना ही रोमाँचक और रहस्यमयीं है जितना सैकड़ों साल पहले हुआ करता था ! फोटोग्राफी के लिये ये स्थल मांडव से कम नहीं है अगर इंदौर और उसके आसपास के पर्यटक माण्डव जैसी लोकेशन इंदौर के पास मे ढूंढना चाहते है तो उनके लिये कजलीगढ़ बहुत उपयुक्त ऑप्शन है ! बारिश में यहाँ घूमने का अपना हि आनन्द है तो
चरित्र फ़िल्म अभिनेता सी0 एच0 दुबे का जन्म स्थल और महान निर्देशक मेहबूब खान की पहली कलर फ़िल्म ' आन ' की शूटिंग का बहुत -सा हिस्सा यहाँ फिल्माया गया था !
 कजलीगढ़ एक रहस्यमयी और रोमांचकों से भरपूर स्थल है जहाँ  रोमांच आज भी चप्पे - चप्पे पर फैला है !